संतोष ही सबसे बड़ा धन है Santosh hi sabse bada dhan hai in hindi 2022

                      आनंद

         काम में संतोष धन से बड़ा है   2022




    इस संसार  का एक एसा सच है जो सभी को मानना चाहिए कि अगर मनुष्य के जीवन में कोई बड़ी सम्पति या धन अथवा दोलत (चाहे जो कहे) है तो वो है संतोष का धन | जो इन्सान के जीवन बहुत मायने रखता है 

      

    दुनिया में उसी व्यक्ति को संतोष मिलता है जो अपनी काम और आस-पास की चीजो से प्यार करता हो|


    अगर आदमी को कार्य अर्थात काम में संतोष न मिले तो वह उस काम को उचित ढंग से पूर्ण नही कर सकता है , चाहे उसे उस काम के जादा पैसे मिले |क्योकि जिस काम में उसे संतोष ही नही हो तो वह कार्य उस के लिए संभव से असम्भव बन जाता है 

    संतोष ही धन है , संतोष ही परम सुख है , संतोष का धन मानव जीवन का पर्याय है , संतोष वैराग्य का नहि, बल्कि अनुग्रह का भाव  है | संतोष का शाब्दिक अर्थ है तुष्टि  , मन का तृप्त हो जाना | हमारे समक्ष जो भी विद्यमान है उन्हें ईश्वर का अनुग्रह माने और प्रसन रहे |
     

    आईये जानते है  "काम में संतोष धन से बड़ा है" पर आधारित एकहानी|

    स्टोरी सेटिसफेक्शन इन हिंदी (   संतोष सबसे बड़ा धन है) 

     

    एक  लकडहारा था | वह 200 रूपये प्रतिघंटे की दर से काम करता था| एक सामाजिक शोधकर्ता ने एक प्रयोग किया और उस लकडहारे से कहा की अगर वह उसके बाग़ में काम करेगा तो वह उसे  दोगुना वेतन देगा | लकडहारे ने हामी भर दी |

    शोधकर्ता ने उसे एक कुल्हाड़ी दी और कहा कि यह पेड़ काटो , लेकिन कुल्हाड़ी का धार वाला हिस्सा इस्तेमाल नही करना , बल्कि मोटा , गोल हिस्सा इस्तेमाल करना | हैरान लकडहारे ने पूछा, 'फिर ये पेड़ कैसे कटेगा?' शोधकर्ता बोला, 'इससे कोई फर्क नहीं पड़ता | में तुम्हे 400 रूपये प्रतिघंटे दे रहा हु |' लकडहारे ने कहा ,'ठीक है , मुझे भी पैसो से मतलब है |' वह 5 दिन पेड़ पर कुल्हाड़ी का मोटा हिस्सा मरता रहा , पर पेड़ पर असर नही हुआ | फिर छठवे दिन शोधकर्ता के पास पंहुचा और बोला ,' मै काम छोड़ रहा हु|' शोधकर्ता मुस्कुराते हुए बोला ,' पर मै तुम्हे दोगुना वेतन दे रहा हु |' तब लकड़हारे बोला, 'मुझे काम में मजा नहीं आ रहा है | 

    मेरे काम कोई बदलाव नहीं आना चाहिय | अगर बदलाव आता है तो मुझे काम करने में संतुष्टि नहीं मिलेगी |





      कहानी से हमें क्या प्रेणना मिलती है कि-

    संतोष सबसे बड़ा धन है कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमारे पास जितना है उसी में संतुष्ट रहना चाहिय और जादा पाने की इच्छा नही करना चाहिए | आपके पास जो भी है उसी में ही आनंदित रहना चाहिए | बेकार की इछाहे मन पर हावी न होने दे | पैसे से भी बढकर संतोष होता है वही सबसे बड़ा धन है |   

    Arjun Singh

    नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम अर्जुन सिंह है, मैं अभी बी.कॉम से ग्रेजुएशन कर रहा हूं । मुझे लेख लिखना बहुत पसंद है इसलिय में ये ब्लॉग बनाया है, मेरे ब्लॉग पर आने के लिए आपका धन्यवाद!

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